शिक्षित समाज ही सभ्य समाज के निर्माण में मील का पत्थर साबित होता है । हमारा भारत वर्ष ‘विश्व गुरू’ के पद पर आसीन था है और हमेशा रहेगा क्योंकि शिक्षा व्यक्ति को ज्ञानवान बनाने के साथ-साथ चरित्र निर्माण भी करती है । शिक्षा के बिना मानवता अधूरी है । आज के इस सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में शिक्षा के बदलते स्वरूप के द्वारा ज्ञान का प्रसार व्यापकता से फैल रहा है । हम इस ग्रामीण आंचल में गत 29 वर्षों से विद्याथियों का प्रभावी शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी रहे हैं । जून 1988 में मैंने अपने सहयोगी स्व. श्री राजेन्द्र कुमार जी बेरड़ व अन्य सहयोगियों के साथ बच्चों के र्स्वागीण विकास हेतू एक प्राथमिक पाठशाला की शुरूआत की दिन-प्रतिदिन प्रगति करती हुई वहीं पाठशाला 10़2 तक सभी सकायों में परिवर्तित हो चुकी है । शिक्षा रूपी परिधि को पूर्ण करना हमारा अतिम उद्देश्य है । आप इस विद्यालय में अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेगें और अनुशासन का महान आदर्श स्थापित करते हुए विद्यालय की प्रगति में सहभागी बनेगें
विवेकानन्द जी के कथानुसार ‘‘उठो जागो और तब तक मत रूको जब तक आप लक्ष्य हासिल न कर लें ’’ ।
With Best Wishes
Sh.S.S.Suthar
Director
SWAMI VIVEKANAND SENIOR SECONDARY SCHOOL